Gutika Vati (गुटी – वटी)

Guti Vati

1. ब्राम्ही वटी – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य ब्राम्ही, शंखपुष्पी, स्वर्णमाक्षिक भस्म, रससिंदूर, गोजिव्हा, शु. वत्सनाभ आदी ।
गुणकर्म बुद्धीवर्धक, मस्तिष्क बल्य ।
उपयोग स्मरणशक्‍तिवर्धक, बुद्धीवर्धक मुर्च्छा, अनिद्रा आदी में गुणकारी।
मात्रा 1-2 गोली दूध/ मख्खन/ब्राम्ही घृत के साथ, दिनमें दो बार ।
अनुपान  दूध या मख्खन या ब्राम्ही घृत ।
ग्रंथाधार आयुर्वेद सार संग्रह।
पैकिंग आकार
4000 गोलियाँ 1000 गोलियाँ 120 गोलियाँ 60 गोलियाँ

2. चंद्रप्रभा – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य वचा, नागरमोथा, धनिया, शु. गुग्गुल, शु. शिलाजित, वंशलोचन, गिलोय, देवदार, हल्दी, त्रिफला, सुवर्णमाक्षिक भस्म, लोहभस्म, चित्रक, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, दन्तीमूल, निशोत्तर आदी ।
गुणकर्म त्रिदोषघ्न, बल्य, वृष्य, रसायन ।
उपयोग प्रमेह, मूत्रकूच्छ्, पथरी, मूत्राघात, स्त्रियोंके आर्तवदोष एवं गर्भाशय विकार, पुरुषों के वीर्यदोष, शुक्रविकार, पांडू, कुष्ठ, खुजली इ. त्वचा विकार, अग्‍निमांद्य, अरुचि, भगंदर इ. में बहुत गुणकारी ।
मात्रा 1-4 गोली दिन में दो बार ।
अनुपान  दूध, शक्‍कर, घी, शहद ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग दोन।
पैकिंग आकार
4000 गोलियाँ 1000 गोलियाँ 120 गोलियाँ 60 गोलियाँ

3. नागगुटी – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य  शुद्ध हिंगूल, शु. बचनाग, लौंग, काली मिर्च, सौंठ, पिप्पली, शु. टंकण, केशर, दालचिनी, जायफल, जावित्री ।
गुणकर्म वातकफदोषहर ।
उपयोग जुकाम, सर्दी, खांसी, दमा आदी में लाभदायक ।
मात्रा 1-3 गोली शहद के साथ ।
अनुपान  शहद ।
पैकिंग आकार
1000 गोलियाँ 60 गोलियाँ 30 गोलियाँ

4. प्रदरांतक रस – (1 गोली = 125 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, रौप्यभस्म, वंग भस्म, यशद भस्म, कपर्दिक भस्म, लोह भस्म आदी ।
गुणधर्म रक्‍तपित्‍तदोषहर, गर्भाशय बल्य, योनी विकार नाशक ।
उपयोग श्‍वेतप्रदर, रक्‍तप्रदर, स्त्रीयों के विकार में उपयुक्‍त आदी विकारो में गुणकारी ।
मात्रा 1 से 2 गोली शहद या आँवलारस या दूर्वा के रस के साथ दिनमें दो बार ।
अनुपान  शहद या आँवला रस या दूर्वा का रस ।
ग्रंथाधार आयुर्वेद सार संग्रह।
पैकिंग आकार
1000 गोलियाँ 120 गोलियाँ 60 गोलियाँ

5. पुनर्नवा मंडुर – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य पुनर्नवा, त्रिंकटू, त्रिफळा, निशोत्‍तर, दारूहरिद्रा, चित्रक, पिपला मूल, वावडींग, दन्तीमूळ, मुस्ता, मंडूर भस्म आदी ।
गुणकर्म वातकफनाशक, आमपाचक ।
उपयोग पाण्डुरोग, शोथ, उदर, अर्श, कृमि आदी मे उपयुक्‍त ।
मात्रा 2 गोली दिन मे 2 बार पानी के साथ ।
अनुपान  गरम पानी ।
ग्रंथाधार रसयोगसागर।
पैकिंग आकार
4000 गोलियाँ 1000 गोलियाँ 120 गोलियाँ 60 गोलियाँ

6. संजीवनी वटी – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.)

प्रमुख घटक द्रव्य त्रिफला, वावडिंग, भल्‍लातक, शुद्ध बचनाग, सौंठ, वचा, गिलोय, पिप्पली, बालहरड इ.।
गुणकर्म पाचक, कृमिघ्न, अतिसारघ्न ।
उपयोग अपचन, उल्टी होना, दस्त, पेट में कृमी होना इ. ।
मात्रा 2-4 गोली दिन में दो-तीन बार ।
अनुपान  गरम पानी, मठ्ठा, निंबू का रस ।
ग्रंथाधार शारंगधर संहिता।
पैकिंग आकार
4000 गोलियाँ 1000 गोलियाँ 120 गोलियाँ 60 गोलियाँ

Churna (चूर्ण)

Choorna

1. अविपत्‍तीकर चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य  त्रिफला, त्रिकटू, निशोत्‍तर, लोंग, मुस्ता, वावडींग, वेलची, तमालपत्र इ. ।
गुणकर्म कफपित्‍तदोषहर, पाचक, सारक ।
उपयोग अम्लपित्‍त, खट्टी डकार, पेट में दर्द होना, भूख न लगना इ. में उपयुक्‍त ।
मात्रा 1 ग्रॅम दिन में तीन बार पानी के साथ ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग एक।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 500 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

2. भास्करलवण चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य पिप्पली, सोंठ, पिपलामूल, काली मिर्च, काला नमक, सैंधा नमक, शहाजिरे, जिरे, तालिसपत्र, दाडिमछाल, नागकेशर आदी ।
गुणकर्म पाचक, दीपक ।
उपयोग पेट साफ न होना, पेट मे दर्द होना, गैसेस होना इ. में अत्यंत गुणकारी ।
मात्रा 500 मि.ग्रॅ. दिन में दो बार ।
अनुपान  गरम पानी के साथ ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग तीन।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 500 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

3. गंधर्वहरीतकी चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य एरंडी का तेल, बालहरडा, सैंधव, यवक्षार आदी ।
गुणकर्म पित्‍तदोषहर, सारक ।
उपयोग बद्धकोष्ठ ।
मात्रा 2-5 ग्रॅम रातमें सोते समय ।
अनुपान  गरम पानी के साथ ।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

4. हिंग्वाष्टक चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, हिंग, जीरा, सैंधा नमक, अजमोदा, शहाजिरे आदी ।
गुणधर्म दीपक, पाचक ।
उपयोग पाचन न होना, भूख न लगना, पेट में दर्द, ग्रहणी, आध्मान इ. में उपयुक्‍त ।
मात्रा 1-3 ग्रॅ. दिन में दो बार, भोजन के मध्य में ।
अनुपान  घी एवं गरम चावल के साथ और उपरसे गरम पानी पीना उचित होगा ।
ग्रंथाधार भैषज्य रत्नावली।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

5. महासुदर्शन चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य कडवा चिरायत, त्रिफला, बडी कटेरी, वाइविडंग, कडवा नीम, लौंग, जीवक, ऋषभक्, यष्टीमधु आदी ।
गुणकर्म त्रिदोषघ्न, ज्वरघ्न ।
उपयोग बुखार आना । खांसी, दमा, सभी प्रकार के ज्वर इ. ।
मात्रा 250-500 मि.ग्रॅ. दिन मे 3 बार ।
अनुपान  गरम पानी के साथ ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग पाच ।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

6. सितोपलादी चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य दालचिनी, इलायची, पिप्पली, वंशलोचन आदी ।
गुणकर्म श्‍वासहर, कासहर ।
उपयोग जुकाम, खाँसी, दमा, बुखार इ. मे उपयुक्‍त ।
मात्रा 500 मि.ग्रॅ. दिन में चार बार ।
अनुपान  शहद, घी या दूध ।
ग्रंथाधार शारंगधर संहिता – भाग दोन ।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

7. तालिसादी चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य तालीसपत्र, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली, दालचिनी, इलायची, वंशलोचन आदी ।
गुणकर्म कासहर ।
उपयोग कास, प्रतिश्याय आदी ।
मात्रा 500 मि.ग्रॅ. दिन मे तीन बार ।
अनुपान  शहद या दूध, घी ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग दोन।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.

8. त्रिफळा चूर्ण

प्रमुख घटक द्रव्य हरितकी, बेहडा, आँवला ।
गुणकर्म त्रिदोषघ्न, सारक ।
उपयोग बद्धकोष्ठ, आँखो के विकार, इ. में लाभकारी ।
मात्रा 1-2 ग्रॅम दिन में दो बार ।
अनुपान  गरम पानी या शहद के साथ ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग दोन।
पैकिंग आकार
1000 ग्रॅ. 100 ग्रॅ. 50 ग्रॅ.