Tailas (सिद्ध तैल)

Taila

1. अणु तेल

प्रमुख घटक द्रव्य चंदन, अगरू, मोचरस, शतावरी, कमल, खस, मुलेठी, वाइविडंग, बडी कटेरी आदी ।
गुणकर्म सभी ज्ञानेंद्रियोंको पोषक ।
उपयोग सिरमें दर्द होना, पुराना जुकाम, खांसी, गलेमें सूजन बाल झडना आदी ।
मात्रा 2-2 बूंद नाक में 2 बार (नस्य विधीसे)
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग एक।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 15 मिली.

2. ब्राम्ही तेल

प्रमुख घटक द्रव्य ब्राम्ही ।
गुणकर्म कफवातदोषहर ।
उपयोग निद्रानाश, भ्रम, मिरगी, मस्तिष्क को थंडक पहुचानेमें बहुत गुणकारी ।
सूचना  सिर पे मालिश करना, नाक कान में डालना एवं सेवनार्थ उपयुक्‍त ।
पैकिंग आकार
200 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

3. भृंगराज तेल

प्रमुख घटक द्रव्य भृंगराज, त्रिफला, शिकाकाई आदी ।
गुणकर्म कफपित्‍तदोषहर ।
उपयोग बाल सफेद होना, बाल झडना, बालोंमें खुजली आना आदी में उपयुक्‍त ।

4. चंदनबला तेल – (चंदनबलालाक्षादी)

प्रमुख घटक द्रव्य चंदन, बला, पींपल की लाख, अनंतमूल, सुगंधवाला, नागकेशर, मंजिष्ठा, देवदार, अगरू, गोदुग्ध आदि ।
गुणधर्म पित्‍तवातदोषहर, दाहशामक, कांतीवर्धक, सप्‍तधातूवर्धक।
उपयोग त्वचा की कांती बढाता है । स्नायुओंको बलवान तथा पुष्ट बनानेमे सहाय्यक, मसाज के लिए विशेष उपयुक्‍त है एवं स्ट्रेचमार्कस् तथा रुक्ष त्वचामें फायदेमंद ।
सूचना  सेवनार्थ एवं अभ्यंगार्थ उपयुक्‍त ।
पैकिंग आकार
200 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

5. इरिमेदादी तेल

प्रमुख घटक द्रव्य खैर छाल, मंजिष्ठा, लोध्र, पीपलकी लाख, नागकेशर, नागरमोथा, कापूर, पद्मकाष्ठ, अगरू आदी ।
गुणकर्म व्रणरोपक ।
उपयोग सभी प्रकारके मुखरोग – मुंह मे छाले होना, दांतो में दर्द, मसूडों की सूजन तथा दर्द, मसूडों का ढीलापन, मुंह से बदबू आना, होंठ फटना, इ. में विशेष लाभदायी, सभी प्रकारके घावों को जल्दी भरता है ।
सूचना  मुंह मे गंडूष धारण करना । एवं बाहरी प्रयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
50 मिली. 15 मिली.

6. जात्यादी तेल

प्रमुख घटक द्रव्य नीम के पत्‍ते, चमेली के पत्‍ते, हल्दी, दारुहरिद्रा, करंज बीज, सारिवा, पद्मकाष्ठ, कमल, मुलेठी आदि ।
गुणकर्म वातदोषहर, व्रणरोपक
उपयोग विषाक्‍त घाव, सूखी – गीली खुजली, कट जानेपर हुए घाव, मूँह में छाले ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग तीन।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

7. कडुनिंब तेल

प्रमुख घटक द्रव्य  कडवा नीम बीज ।
गुणकर्म व्रणरोपक, कृमीघ्न ।
उपयोग सभी प्रकारके त्वचाविकारों में अत्यंत लाभदायी । खुजली, फोडें होना, एक्झिमा, सोरीयासीस, नाडीव्रण, बालोंमे जूएं आदी मे लाभकारी ।
सूचना  बाहरी उपयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

8. करंज तेल

प्रमुख घटक द्रव्य करंज बीज (डिठौरी बीज)
गुणकर्म कफवातदोषहर, व्रणरोपक ।
उपयोग सभी प्रकारके त्वचा विकारोंमें गुणकारी । खुजली एक्झिमा, सोरायसीस, नाडीव्रण इ. ।
सूचना  बाहरी उपयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 15 मिली. 120 मिली.

9. कर्णशूलहर तेल

प्रमुख घटक द्रव्य टेंटूमूल (सोनापाठा मूल) आदि ।
गुणकर्म वातशामक ।
उपयोग कान में दर्द, कानोंमे आवाज आना आदी मे विशेष गुणकारी ।
ग्रंथाधार दोनों कानों मे दो दो बूंद थोडा गरम करके उपयोग करे।
पैकिंग आकार 15 मिली.

10. कर्णस्त्रावहर तेल

प्रमुख घटक द्रव्य हरिद्रा, नीम के पत्‍ते, निशोत्तर, तील आदी ।
गुणकर्म कफपित्‍त दोषनाशक ।
उपयोग कानोंसे पानी आना, मवाद आना इ. में लाभकारी ।
मात्रा  दो – दो बूंद कानमें दिनमें 2-3 बार ।
पैकिंग आकार 15 मिली.

11. महानारायण तेल

प्रमुख घटक द्रव्य शतावरी, दशमूल, आस्कंद, चंदन, अष्टवर्ग, सुगंधवाला, तगर, वेलची, शिलाजीत, कपूर, गोदुग्ध, देवदार आदी ।
गुणकर्म वातदोषहर, धातुगामी ।
उपयोग सभी प्रकारके वातरोग, कंप, अर्धांगवात, दुर्बलता, शुक्रक्षय ।
सूचना  सेवनार्थ एवं अभ्यंगार्थ उपयुक्‍त ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

12. मुषक तेल

प्रमुख घटक द्रव्य बेलमूल, आंत्रविरहित चूँहे, अरणीमूल, गंभारी मूल, रासनामूल, गोदुग्ध आदी ।
गुणकर्म वातशामक ।
उपयोग गुदभ्रंश, योनीभ्रंश ।
सूचना  सिर्फ बाहरी प्रयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
100 मिली. 50 मिली.

13. नारायण तेल

प्रमुख घटक द्रव्य अश्‍वगंधा, शतावरी, दशमूल, चंदन, आस्कंद, सुगंधवाला, कोष्ठ, हल्दी, गोदुग्ध आदी ।
गुणकर्म वातदोषहर, पौष्टिक ।
उपयोग सभी प्रकारके वातरोग, कंप, अर्धांगवात, दौर्बल्य, शुक्रदोष इ. में बहुत लाभकारी ।
सूचना  सेवनार्थ एवं अभ्यंगार्थ उपयुक्‍त ।
ग्रंथाधार भारत भैषज्य रत्नाकर – भाग तीन।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

14. पंचगुण तेल-

प्रमुख घटक द्रव्य कडवे नीम के पत्‍ते, निर्गुंडीं, त्रिफला, शिलाजीत, गुग्गुळ, कापूर आदी ।
गुणकर्म कफवातदोषहर, वेदनाहर ।
उपयोग संधीगतवात, संधीशूत, कटिशूल, मोच आना इ ।
सूचना  सिर्फ बाहरी प्रयोग के लिए ।
ग्रंथाधार सिद्ध योग संग्रह।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 200 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

15. सहचर तेल

प्रमुख घटक द्रव्य कटसरैया, दशमूल, शतावरी, शिलाजीत, जटामांसी, चंदन, सुगंधवाला, गोदुग्ध, गव्हला, अगरू, जटामांसी, शिलाजीत, आदी ।
गुणकर्म वातदोषहर ।
उपयोग कंप, स्नायूदौर्बल्य, स्नायू क्षीण होना आदीमें अत्यंत लाभदायी।
सूचना  सेवनार्थ एवं अभ्यंगार्थ उपयुक्‍त ।
पैकिंग आकार
100 मिली. 50 मिली.

16. व्रणशोधन तेल

प्रमुख घटक द्रव्य नीम के पत्‍ते, हल्दी, निशोत्तर, तील आदी ।
गुणकर्म कफपित्‍तदोषहर ।
उपयोग जख्म में पीप होना, फोडें तथा ड्रेसिंग हेतू उपयुक्‍त ।
सूचना  केवल बाहरी प्रयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

17. विषगर्भ तेल

प्रमुख घटक द्रव्य बछनाग, गंधक आदी ।
गुणकर्म कफवातदोषहर ।
उपयोग जोडों में दर्द, सूजन आना, सिरा दौर्बल्य, स्नायू संकोच।
सूचना  केवल बाहरी प्रयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

18. वातनाशक तेल

प्रमुख घटक द्रव्य बछनाग, गंधक ।
गुणकर्म कफवातदोषहर ।
उपयोग जोडो में दर्द, सूजन आना, सिरा दौर्बल्य, स्नायू संकोच।
सूचना  केवल बाहरी प्रयोग के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.

19. व्रणरोपण तेल

प्रमुख घटक द्रव्य खैर छाल, लोध्र, मंजिष्ठा, मुलेठी, गैरिक, इलायची, धातकी, कापूर, पीपल छाल, वड छाल, अगरू, पद्मकाष्ठ आदी ।
गुणकर्म कफपित्‍तदोषहर ।
उपयोग सभी प्रकार के जख्म, नाडीव्रण, मुखरोग, मुँहमे छाले आना, दांतो मे दर्द, मसुढोंका ढीलापण – तथा सूजन, मुंहसे बदंबू आना, होंठ फटना इ. में विशेष लाभकारी एवं सभी प्रकारके घावों को जल्दी भरता है ।
सूचना  बाह्य प्रयोग के लिए एवं कवलगंडूष के लिए ।
पैकिंग आकार
1000 मिली. 100 मिली. 50 मिली.