1. गुळवेल सत्व |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
गिलोय । |
गुणकर्म |
– |
पित्तदोषहर, दाहशामक । |
उपयोग |
– |
दाह, एवं सभी प्रकारके ज्वर । |
मात्रा |
– |
100 से 200 मिलीग्रॅम दिन में 2 बार । |
पैकिंग आकार |
– |
1000 ग्रॅ. |
250 ग्रॅ. |
50 ग्रॅ. |
10 ग्रॅ. |
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2. कामदुधा (मौक्तिक विरहीत) – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.) |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
शंखभस्म, शौक्तिक भस्म, कपर्दिक भस्म, प्रवालपिष्टी, गुडुची सत्व, शु. गैरिक आदी । |
गुणकर्म |
– |
पित्तकफदोषहर, च्छर्दीनाशक । |
उपयोग |
– |
अम्लपित्त, भ्रम, चक्कर आना, रक्तप्रदर, सिर में दर्द, मूत्रदाह, मूँह में छाले आना, त्वचाविकार इ. में विशेष लाभकारी। |
मात्रा |
– |
100 से 200 मि.ग्रॅ. दिनमें 2 बार दूध या शक्करके साथ । |
पैकिंग आकार |
– |
4000 गोलियाँ |
1000 गोलियाँ |
60 गोलियाँ |
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3. कामदुधा (मौक्तिकयुक्त) – (1 गोली = 125 मि.ग्रॅ.) |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
शंखभस्म, मुक्ताशुक्ती भस्म, कपर्दिकभस्म, प्रवाळपिष्टी, मौक्तिक भस्म, गुडुची सत्व, शु. गैरिक आदी । |
गुणकर्म |
– |
पित्तकफदोषहर, शीतल, दाहनाशक । |
उपयोग |
– |
अम्लपित्त, चक्कर, मानसिक दौर्बल्य, रक्तप्रदर, सिर में दर्द, मूत्रदाह, मुँहमें छाले आना, त्वचाविकार, उन्माद,अपस्मार इ.। |
मात्रा |
– |
100 से 200 मि.ग्रॅ. दूध या शक्कर के साथ । |
अनुपान |
– |
रसयोगसागर। |
पैकिंग आकार |
– |
1000 गोलियाँ |
60 गोलियाँ |
30 गोलियाँ |
10 गोलियाँ |
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4. प्रवाळ पंचामृत (मौक्तिक विरहीत) – (1 गोली = 200 मि.ग्रॅ.) |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
प्रवालभस्म, शंखभस्म, शौक्तिकभस्म, कपर्दिक भस्म । |
गुणधर्म |
– |
कफपित्तदोषहर । |
उपयोग |
– |
अम्लपित्त, पेट में जलन, अपचन, शीतपित्त इ. । |
मात्रा |
– |
100 से 200 मि.ग्रॅ. घी शक्कर के साथ । |
ग्रंथाधार |
– |
रसयोगसागर |
पैकिंग आकार |
– |
1000 गोलियाँ |
60 गोलियाँ |
30 गोलियाँ |
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5. प्रवाळ पंचामृत (मौक्तिकयुक्त) – (1 गोली = 125 मि.ग्रॅ.) |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
प्रवाल भस्म, शंखभस्म, शौक्तिकभस्म, कपर्दिक भस्म, मौक्तिकभस्म । |
गुणकर्म |
– |
पित्तशामक, पाचक । |
उपयोग |
– |
अम्लपित्त, पेट में दर्द, जलन, अपचन, शीतपित्त । |
मात्रा |
– |
500 मिलीग्रॅम घी शक्कर के साथ । |
अनुपान |
– |
गरम पानी । |
ग्रंथाधार |
– |
रसयोगसागर। |
पैकिंग आकार |
– |
1000 गोलियाँ |
60 गोलियाँ |
30 गोलियाँ |
10 गोलियाँ |
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6. शुद्ध शिलाजीत |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
शिलाजीत |
गुणकर्म |
– |
वातशामक, रसायन, वजन घटाने के लिए उपयुक्त । |
उपयोग |
– |
सभी प्रकारके वात विकार, दुर्बलता, मधुमेह, मोटापा इ. विकारोंमें विशेष उपयुक्त । |
मात्रा |
– |
500 मि.ग्रॅ. घी शक्कर के साथ । |
अनुपान |
– |
गरम पानी, मठ्ठा, निंबू का रस । |
ग्रंथाधार |
– |
आयुर्वेद सार संग्रह। |
पैकिंग आकार |
– |
100 ग्रॅ. |
10 ग्रॅ. |
5 ग्रॅ. |
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7. ताप्यादी लोह (रौप्ययुक्त) |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
सुवर्णमाक्षिकभस्म, रौप्यभस्म, लोहभस्म, मंडूरभस्म, शिलाजीत, त्रिफला, त्रिकटु, वायविडंग, दारुहल्दी, पिप्पलामूल, मुस्ता आदी। |
गुणकर्म |
– |
कफवातदोषहर, रक्तवर्धक, रक्तप्रवाह में सुधार लाता है। |
उपयोग |
– |
खून की कमी, रक्ताभिसरण शिथिलता, वातविकार, पक्षाघात इ. में विशेष उपयुक्त । |
मात्रा |
– |
50 से 100 मि.ग्रॅ. दिन में 2 या 3 बार । |
ग्रंथाधार |
– |
आयुर्वेद सार संग्रह। |
पैकिंग आकार |
– |
500 ग्रॅ. |
100 ग्रॅ. |
10 ग्रॅ. |
5 ग्रॅ. |
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8. तेलीया असाणा भरड |
प्रमुख घटक द्रव्य |
– |
असाना । |
गुणकर्म |
– |
प्रमेहघ्न । |
उपयोग |
– |
मधुमेह । |
मात्रा |
– |
4 से 8 चायके चम्मच । |
बनाने के विधी |
– |
एक ग्लास गुनगुने पानी में डालकर रातभर भिगोंके रखना। सुबह उसे छानकर पानीका सेवन करना । |
पैकिंग आकार |
– |
1000 ग्रॅ. |
200 ग्रॅ. |
100 ग्रॅ. |
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